शायरी
अरज करता हूँ गौर फरमाइगा
कि कंधो पर पड़ा बोझ, कंधो पर पड़ा बोझ आज कम नज़र आ रहा है
कंही शुकरवार तो नही है
कल शाम से एक दोसत का फोन बार बार आ रहा है
कंही शुकरवार तो नही है
कोई दो दिन के लिए अपने पुराने शहर लौट के फिर जा रहा है
कंही शुकरवार तो नही है
बडा़ सुकून है बड़ा मजा आ रहा है
कंही शुकरवार तो नही है ।
प्रैसिडैंट
सचिन बत्रा।
जय श्री कृष्णा
🙏🌹🙏🇮🇳
Jai Shri Krishna